राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कहा है कि प्रयागराज में गंगा नदी में ‘सीवेज' के प्रवाह को रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो महाकुंभ मेले में आने वाले करोड़ों तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा. चालीस दिवसीय महाकुंभ मेला में दुनिया भर से लाखों श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. यह 14 जनवरी को मकर संक्रांति स्नान से शुरू होगा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि स्नान के साथ समाप्त होगा.
एनजीटी ने इस साल सितंबर में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के अधीन एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था और उसे 23 नवंबर तक निवारक उपायों के बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.
एनजीटी ने कहा, ‘‘मुद्दा कुंभ मेले के शुरू होने से पहले गंगा नदी में अनुपचारित सीवेज के प्रवाह को रोकने से संबंधित है. करोड़ों लोग मेले में आएंगे और अगर नदी में अनुपचारित सीवेज के प्रवाह को रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया तो उनका स्वास्थ्य प्रभावित होगा.''
पीठ ने कहा कि राज्य के वकील के अनुरोध पर विचार करते हुए रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाता है. मामले में अगली सुनवाई नौ दिसंबर को होगी.
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