विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत के प्रति सकारात्मक राजनीतिक नजरिया रहा है और भारत उनके प्रशासन के साथ ‘‘गहरे'' संबंध बनाने तथा द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए कई अन्य देशों की तुलना में अधिक बेहतर स्थिति में है.
उद्योग संगठन ‘एसोचैम' में एक संवाद सत्र में जयशंकर ने कहा कि कई अन्य देशों की तरह भारत के सामने भी कुछ मुद्दे हो सकते हैं और वह उनसे निपटेगा. विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसे देश हैं जो ट्रंप की आगामी सरकार को राजनीतिक चुनौती के रूप में देख रहे हैं, लेकिन भारत के लिए ऐसा नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘हर किसी की तरह, हमारे सामने भी कुछ मुद्दे हो सकते हैं. हम उन मुद्दों से निपटेंगे. लेकिन जब मैं आज दुनिया भर में देखता हूं, तो ऐसे देश हैं जो ट्रंप की आगामी सरकार को एक राजनीतिक चुनौती के रूप में देख रहे हैं. हमारे मामले में ऐसी स्थिति नहीं है.''
जयशंकर ने कहा कि अमेरिका को कई क्षेत्रों में भारत की आवश्यकता होगी, जहां वे प्रौद्योगिकी में अग्रणी भूमिका निभाना चाहेंगे. उन्होंने कहा कि दोनों देशों को विश्वसनीय साझेदार के रूप में उभरती और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों जैसे कई क्षेत्रों में आपसी लाभ और संबंधों की समझ विकसित करनी होगी.
रूस-यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया की स्थिति की पृष्ठभूमि में ऊंचे शुल्क, जलवायु परिवर्तन और समग्र विदेश नीति प्राथमिकताओं सहित कई संवेदनशील मुद्दों पर ट्रंप प्रशासन की नीति को लेकर कई देशों में चिंताएं हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘यूरोपीय संघ के मामले में, कई सदस्य हैं. इसलिए हर किसी का अपना हित है. तो इसे कैसे सुसंगत बनाया जाए? यह एक चुनौती है. लेकिन कुल मिलाकर हमारा मानना है कि इससे हमें लाभ होगा.'' जयशंकर ने कहा कि यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते से भारत की बाजार पहुंच में सुधार होगा.
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