जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के गुलमर्ग में शून्य से भी कम तापमान में विश्व प्रसिद्ध 'जश्न चिल्ला-ए-कलां' का आयोजन किया गया. ठंड के बावजूद लोग काफी उत्साहित नजर आए. बारामूला के जिला प्रशासन, छात्र और सेना के संयुक्त सहयोग और प्रयासों से गुलमर्ग में 'जश्न चिल्ला-ए-कलां' का आयोजन किया गया. इस भव्य समारोह में संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम और छात्रों द्वारा विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गईं. इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को एक मंच प्रदान करना है, ताकि वे इस स्थान को देख सकें। पूरे भारत से पर्यटक यहां आकर इसका आनंद लेते हैं.
इस कार्यक्रम में नवगठित औद्योगिक सहकारी समितियों के लिए पूंजी सहायता योजना के तहत पहली किस्त जारी की गई, कई शॉल कारीगरों को करघे वितरित किए गए और कारखानादार योजना के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र जारी किया गया.
शिल्प विरासत को संरक्षित रखने की सराहना
आयोजनकर्ताओं ने चिल्ला-ए-कलां के पहले दिन की ठंड के बावजूद कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सभी कारीगरों और औद्योगिक सहकारी सदस्यों का आभार जताया. साथ ही क्षेत्र की समृद्ध शिल्प विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता की सराहना की.
स्थानीय निवासी ने बताया कि पहली बार यहां पर इस फेस्टिवल का आयोजन किया गया. स्कूल के बच्चे और लोकल कई लोग आए थे, जिन्होंने अपनी कला का प्रदर्शन किया. लोगों ने स्टॉल लगाया, आयोजन सफल रहा. उन्होंने कहा, ऐसे आयोजनों से पर्यटक यहां आने के लिए आकर्षित होते हैं.
ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में पहुंचे लोग
कार्यक्रम में नृत्य का प्रस्तुति दे रही एक कलाकार ने बताया बहुत अच्छा लगा. यहां पर आकर सभी लोगों ने खूब आनंद उठाया. ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में लोग आए. यहां पर आने के लिए हम बहुत उत्साहित थे, इसलिए ठंड का पता नहीं चला. लोगों यही कहना चाहूंगी कि लोग यहां आएं. यहां आकर वे ठंड को भूल जाएंगे.
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