हार का डर या कुछ और...? मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को हटाकर क्या चली 'चाल'? - breaking news india TIS

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

Responsive Ads Here

gfhchcxgchhcvvb

Tuesday, May 7, 2024

हार का डर या कुछ और...? मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को हटाकर क्या चली 'चाल'?

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जारी प्रचार अभियान के बीच बहुजन समाज पार्टी(Bahujan samaj party) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने अपने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को दोनों महत्वपूर्ण पदों से हटा दिया है. आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर और बसपा प्रमुख मायावती की उत्तराधिकारी घोषित किया गया था. मायावती ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर के इसकी जानकारी दी. मायावती ने उन्हें पद से हटाने को लेकर किए गए पोस्ट में लिखा कि पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है. 

मायावती के इस कदम के बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह की अटकलों का बाजार गर्म है. हालांकि जानकारों का मानना है कि आकाश आनंद को पद से हटाने का फैसला हाल के दिनों में आकाश आनंद के द्वारा लिए गए फैसलों और उनके राजनीतिक भविष्य को देखते हुए मायावती के द्वारा उठाया गया है.

बसपा की परंपरागत राजनीति में सामंजस्य बनाने में असफल रहे आकाश?
बहुजन समाज पार्टी स्थापान के बाद से ही कैडर आधारित पार्टी रही है. बसपा की हमेशा से कोशिश रही है कि मीडिया की सुर्खियों से हटकर ग्राउंड जीरो पर लोगों को एकजुट किया जाए. हाल के दिनों में आकाश आनंद के आने के बाद बसपा की सक्रियता सोशल मीडिया में बढ़ी थी. मीडिया में भी उन्हें ठीक ठाक जगह मिल रही थी. हालांकि उनके कुछ विवादास्पद बयानों के कारण उनके ऊपर केस दर्ज हुए. गौरतलब है कि पिछले लगभग 2-3 दशकों से मायावती किसी भी राजनीतिक दल या समुदाय के खिलाफ विवादित बयान वाली राजनीति से बचती रही है.  ऐसे में आकाश आनंद के बयान को लेकर हुए हंगामा एक बड़ी वजह उनकी छुट्टी की रही. 

Latest and Breaking News on NDTV

जीत के साथ आकाश आनंद को लॉन्च करना चाहेगी BSP
इस लोकसभा चुनाव में बसपा अकेले मैदान में है. किसी भी दल के साथ उसका गठबंधन नहीं है. ऐसे में वोट परसेंट को लेकर जो भी आंकड़े हो लेकिन बसपा की सीट को लेकर तमाम जानकारों का मानना है कि वो पिछले चुनाव की तुलना में काफी कम होने वाली है. ऐसे में अगर इस चुनाव की पूरी जिम्मेदारी आकाश आनंद के नाम होती तो राजनीति में उनके नेतृत्व की शुरुआत ही असफलता के साथ होने की संभावना थी. संभावना है कि बसपा नेतृत्व ने इसे ध्यान में रखते हुए यह बड़ा फैसला लिया है. 

आकाश आनंद के नेतृत्व में संगठन हुआ कमजोर? 
आकाश आनंद को मायावती ने 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद लॉन्च किया था. 2019 लोकसभा चुनाव में पहली बार आकाश आनंद को स्टार प्रचारक बनाया गया था. साल 2023 में उन्हें मायावती ने अपना उत्तराधिकारी बनाया था. हालांकि पिछले 6-7 साल से जब से वो राजनीति में सक्रिय रहे हैं बसपा की राजनीतिक जमीन तेजी से कमजोर हुई है. उनके बयानों को लेकर भी पार्टी को असहज होना पड़ा.

28 अप्रैल को सीतापुर की रैली में आकाश आनंद ने आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए बीजेपी को निशाना बनाया था. जिसके बाद मायावती ने उनकी रैलियों पर रोक लगा दी थी. 

लोकसभा चुनाव के बीच नेतृत्व बदलने का क्या होगा असर? 
बहुजन समाज पार्टी की राजनीति को करीब से जानने वालों का मानना रहा है कि मायावती हमेशा से चौकाने वाले फैसले लेती रही है. हालांकि बीच चुनाव में नेशनल कोओर्डिनेटर पद से आकाश आनंद को हटाए जाने का बसपा के चुनाव अभियान पर असर डाल सकता है. हालांकि एक तथ्य यह भी है कि जिन दो राज्यों में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बसपा की मजबूत पकड़ है वहां की जिम्मेदारी पहले से ही मायावती के हाथ थी. 

बसपा में अभी भी स्टार प्रचारक के तौर पर मायवती की ही डिमांड रही है. ऐसे में आकाश आनंद के हटाए जाने का परसेप्शन के तौर पर असर हो सकता है लेकिन बसपा के वोटर्स पर शायद ही इसका कोई असर हो. 
Latest and Breaking News on NDTV

लंदन से एमबीए डिग्रीधारी आकाश को क्या फिर मिलेगा मौका? 
आकाश आनंद, मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं. आनंद कुमार बसपा की राजनीति में सक्रिय रहे हैं. आकाश ने नोएडा और गुरुग्राम से स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद 2013 से 2016 के दौरान लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ प्लाईमाउथ से एमबीए की डिग्री ली है. मायावती ने मंगलवार को एक्स पर जो पोस्ट किया है उसमें लिखा है कि पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता (maturity) आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है. जानकार इसके तहत यह मान रहे हैं कि आकाश आनंद की यह छुट्टी कुछ दिनों के लिए या लोकसभा चुनाव तक के लिए ही है. भविष्य में एक बार फिर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. 

ये भी पढ़ें-:



from NDTV India - Latest https://ift.tt/bHx4KeG

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages